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भारत का भूगोल Pdf Indian Geography Pdf In Hindi | | Bharat Ka Bhugol pdf Download New Free

आज हम Bharat Ka Bhugol pdf Download के बारे में जानेंगे जो आपके प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है तो चलिए Bharat Ka Bhugol pdf Download को कैसे डाउनलोड करें उसके बारे में जानते हैं|

यदि यह पोस्ट आपके लिए मददगार होता है तो अपने दोस्तों के साथ और इसे अपने फ्रेंड ग्रुप्स में शेयर करना ना भूले और इसी प्रकार से शिक्षा पूर्ण मटेरियल को प्राप्त करने के लिए आप इस वेबसाइट को फॉलो कर लीजिए और इस वेबसाइट को सेव करके रख लीजिएगा चलिए जानते हैं|

Geography Notes in Hindi PDF Free Download

Indian Geography PDF में भारत के भूगोल से संबंधित है| ज्योग्राफी नोट्स एग्जाम के लिए तैयारी कर सकते हैं| इस नोट से आपको एग्जाम के लिए तैयारी करने में मदद करेगा भारत के भूगोल से संबंधित सारी जानकारी आपको प्राप्त होगी ज्योग्राफी नोट्स डाउनलोड करें|

Indian Geography PDF

indian geography pdf शेयर कर रहा है| जो छात्र SSC,IAS,UPSC या अन्य Competitive Exam की तैयारी कर रहे हैं उनके लिए भारत का भूगोल पीडीएफ से तैयारी करने में काफी मदद होगी| भारत के भूगोल से संबंधित पढ़ने को मिलेगी जो कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते हैं| जियोग्राफी के अलावा अन्य सभी विषयों की पीडीएफ से संबंधित इस वेबसाइट पर उपलब्ध है आप डाउनलोड कर सकते हैं|

भूगोल नोट्स इन हिंदी PDF Drishti IAS

दोस्तों यह Bharat Ka Bhugol pdf Download पीडीएफ बहुत ही महत्वपूर्ण है इसमें भारत की भूगोल जो कि संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी UPSC द्वारा उसके सिलेबस के अनुसार बनाया गया है, इस पीडीएफ में सबसे पहले हम विषय सूची के बारे में जानेंगे उसके बाद भारत के भूगोल के सभी सिलेबस को इस पीडीएफ में दिया गया है|

नीचे पीडीएफ को डाउनलोड Bharat Ka Bhugol pdf Download करने के लिए लिंक दिया गया है जिस पर क्लिक करके आप पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते हैं सबसे नीचे आपको डाउनलोड बटन दिया है उस पर क्लिक करें|

भारत का भूगोल विषय सूची

  1. भारत की भूगर्भिक संरचना एवं भू-आकृति प्रदेश
  2. जलवायु
  3. भारत का अपवाह तंत्र
  4. भारत की प्राकृतिक वनस्पति
  5. भारत की मृदा
  6. सिंचाई
  7. कृषि
  8. पशु एवं मत्स्य संसाधन
  9. खनिज संसाधन एवं उद्योग
  10. भारत में परिवहन
  11. ऊर्जा
  12. जनसंख्या एवं संबंधित मुद्दे
  13. भारत की भाषाएं, प्रजातियां एवं जनजातियां
  14. भारतीय राज्य एवं उनकी स्थलीय सीमा है

सबसे पहले हम भारत के भूगर्भिक संरचना के बारे में जानेंगे चट्टानों के स्वरूप एवं प्रकृति की जानकारी के लिए भूगर्भिक संरचना का अध्ययन आवश्यक है क्योंकि खनिज पदार्थों की उपस्थिति एवं नीतियों की बनावट चट्टानों की संरचना पर निर्भर करती है|

भारत की भूगर्भिक संरचना में प्राचीनतम एवं नवीनतम दोनों प्रकार की चट्टाने पाई जाती है, एक ओर प्रायद्वीपीय भारत की प्राचीनतम चटाने पाई जाती है, वहीं दूसरी ओर मैदानी भागे होती हैं| डेल्टाई क्षेत्रों एवं तटीय भागों में नवीनतम चट्टानों का निर्माण निरंतर जारी रहती है|

जलवायु

किसी भी देश की जलवायु एक विस्तृत अध्ययन करने के लिए उसके लिए उस स्थान के तापमान वर्षा वायुदाब तथा पौधों की गति की दिशा का ज्ञान होना अति आवश्यक होता है जलवायु के विभिन्न तत्वों पर भारत की अक्षांशीय विस्तार और चावल और जल स्थल के वितरण का गहरा प्रभाव पड़ता है|

कर्क रेखा भारत जैसे विशाल देश को लगभग दो बराबर भागों में बढ़ती है इसलिए इसका दक्षिणी भाग में और उत्तरी भाग में स्थित है हिमालय पर्वत स्थित है यहां भारतीय उपमहाद्वीप को अलग करता है और वहां से आने वाली सीटों को रोकता है|

इस प्रकार भारत के अक्षांश हिस्से में उष्णकटिबंधीय जलवायु पाई जाती है भारत के दक्षिण में स्थित हिंद महासागर से आने वाली मानसूनी पवनों का भारत की जलवायु पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है इसलिए भारत की जलवायु को उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु कहा जाता है

भारत का अपवाह तंत्र

अपवाह तंत्र का मतलब है नदियों के उस तंत्र या जाल से हैं जिससे धरातलीय जल प्रवाहित होती है नदी अपने क्षेत्र काजल ढाल के अनुसार वह आकर ले जाती है और अंत में किसी झील या फिर कहानी में मिलकर समुद्र में चली जाती है एक नदी तंत्र द्वारा जिस क्षेत्र का जल प्रवाहित होता है उसे अपवाह द्रोणी कहते हैं|

दो नदी द्रोणी विभाजित होती है जिसमें उच्च भूमि या पठार या पर्वतीय भूमि जल विभाजक कहलाती है भारत में मुख्य रूप से चार जल विभाजक है-

  1. हिमालय पर्वत
  2. अरावली पर्वत
  3. सतपुड़ा महादेव मैकाल श्रेणी
  4. पश्चिमी घाट पर्वत

भारत की प्राकृतिक वनस्पति

प्राकृतिक वनस्पति का मतलब है कि उस वनस्पति समुदाय से हैं जो लंबे समय तक किसी बाहरी हस्तक्षेप के बिना उत्पन्न हुए हैं वनस्पति की विभिन्न प्रजातियां पाई जाने वाली मिट्टी तथा जलवायु के अनुसार अपने आप को ढाल लेती है|

भारत में जलवायु व उच्च आवाज की दृष्टि से काफी विविधता पाई जाती है यही कारण है कि भारत के विभिन्न भागों लिख प्रदेशों में विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक वनस्पतियों का विकास हुआ है|

प्राकृतिक वनस्पतियों के प्रकार

प्रमुख वनस्पतियों के प्रकार जलवायु व परिस्थिति के आधार पर भारतीय प्राकृतिक वनस्पति पर निम्नलिखित रूप में वर्गीकृत किया जाता है-

प्राकृतिक वनस्पति का वर्गीकरण

  1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनस्पति या उष्णकटिबंधीय वर्षा वन
  2. उष्णकटिबंधीय मानसूनी वनस्पति
  3. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वनस्पति
  4. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनस्पति
  5. मरुस्थलीय एवं अर्ध मरुस्थलीय वनस्पति

भारत की मृदा

महाद्वीपीय भू पृष्ठ के सबसे ऊपरी असंगठित चट्टानी परत को मृदा कहते हैं मृदा निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक में उच्चावच जलवायु वनस्पति तथा समय प्रमुख है, इसके अलावा माननीय क्रियाओं के द्वारा भी मृदा प्रभावित होती है|

पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के जिलों का पोषण करती है मृदा का निर्माण चट्टानों से प्राप्त खनिजों व पदार्थों तथा भूमि पर पाए जाने वाले खनिजों से होता है मृदा की प्रक्रिया में निर्मित होती है खनिजों और जैव पदार्थों को सही मिश्रण वृद्धा को बनाता है|

सिंचाई

विश्व स्तर पर जल का सर्वाधिक उपयोग कृषि में किया जाता है वर्तमान में विश्व में कुल उपयोग किए जाने वाले जल का 59% कृषि में 18% उद्योग में और शेष 23% का उपयोग घरेलू कार्यों में किया जाता है| विश्व में लगभग कृषि कार्यों में प्रति वर्ष 2000 से 2555 धन किलोमीटर जल का उपयोग किया जाता है|

देश में भी उपलब्ध जल का सर्वाधिक उपयोग कृषि में किया जा रहा है एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में देश के 83% जल का उपयोग सिंचाई हेतु तथा शेष जल का उपयोग घरेलू योगिक और अन्य उपयोग कार्यों में किया जाता है|

इन सभी नीतियों को क्रियान्वित करने के बाद देश की सिंचाई व्यवस्था के संदर्भ में वर्तमान में सिंचाई व्यवस्था की कुशलता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है देश में सतही जल की सिंचाई कुशलता 35 से 40% के मध्य है जबकि भूजल की सिंचाई कुशलता 65% के लगभग है देश के किसानों को सिंचाई के अनुकूल प्रयोग हेतु आवश्यक जानकारी का अभाव है|

देश में सतही जल की आपदा के कारण कृषि सिंचाई के लिए भूमिगत जल पड़ रही है ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का 90% तथा सिंचाई का 40% भाग से प्राप्त हो रहा है देश में 60 के दशक में सिंचाई के लिए भूमिगत जल का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है|

कृषि प्रधान देश होने के कारण भूमिगत जल की सर्वाधिक खपत सिंचाई कार्य में होती है साथ ही बढ़ती जनसंख्या के कारण खदानों से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खेती में जल की मांग को निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है|

इस प्रकार से सभी बिंदुओं पर इस पीडीएफ में Bharat Ka Bhugol pdf Download में दिया गया है जो आप आसानी से Bharat Ka Bhugol pdf Download को डाउनलोड करके देख सकते हैं| जो आपके प्रवेश परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण है|

Bharat Ka Bhugol pdf Download

Indian Geography Handwritten Notes in Hindi PDF

यहां पर भारत के भूगोल के पीडीए हाथ से लिखे रूप में दिए गए हैं, जिसमें सभी बिंदुओं को विस्तार पूर्वक बताया गया है साथ ही उसके डायग्राम चित्र भी बनाए गए हैं|

जिससे हम आसानी से सभी बिंदुओं को समझ सकते हैं इसके नीचे आपको डाउनलोड बटन का लिंक दिया होगा उस पर क्लिक करके आप डाउनलोड कर सकते हैं|

Bharat Ka Bhugol pdf Download Details

PDF Name Bharat Ka Bhugol pdf Download
Language Hindi
PDF TypeBharat Ka Bhugol pdf Download
Bharat Ka Bhugol Handwtiting pdf Download
PDF Size0.892 MB
4.86MB
Pages No.22
14
QualityExcellent
Websitevickeystudy.in
Bharat Ka Bhugol pdf Download

इस प्रकार से अगले हाथ से लिखे पीडीएफ में भी चित्र के अनुसार सभी बिंदुओं को विस्तार पूर्वक बताया गया है तो उसे भी आप जल्दी से डाउनलोड करके आप अपने प्रतियोगी परीक्षाओं अथवा प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं|

ऊपर दिए गए Bharat Ka Bhugol pdf Download भारत के भूगोल का पीडीएफ आपने डाउनलोड कर लिए होंगे इसी प्रकार से और स्टडी मटेरियल के लिए आप इस वेबसाइट Vickeystudy.in को फॉलो कर सकते हैं साथ ही इस विषय को आप अपने ग्रुप फ्रेंड्स ग्रुप में शेयर जरूर करें धन्यवाद

1. भारत का भूगोलीय स्वरूप क्या है?

भारत एक विशाल महाद्वीप पर स्थित है जिसमें पहाड़, मैदान, नदियाँ, समुद्र, और उपमहाद्वीप शामिल हैं। यह भूमध्यसागर और हिमालय पर्वतमाला द्वारा घिरा हुआ है।

2. भारतीय महाद्वीप के पड़ोसी देश कौन-कौन से हैं?

भारतीय महाद्वीप के पड़ोसी देश नेपाल, भूटान, बांगलादेश, श्रीलंका, पाकिस्तान, और म्यांमार हैं।

3. भारत की प्रमुख नदियाँ कौन-कौन सी हैं?

भारत की प्रमुख नदियाँ गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, ताप्ती, कृष्णा, और महानदी हैं।

4. भारत के प्रमुख पर्वतमालाएं कौन-कौन सी हैं?

भारत की प्रमुख पर्वतमालाएं हिमालय, विंध्य, सह्याद्रि, अरावली, और पूर्वी घाट हैं।

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