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महर्षि पतंजलि योग सूत्र PDF Free | Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF Download 2023

इस पोस्ट में Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF के बारे में बात करेंगे यदि आप Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF आप पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप सही जगह आए हैं यहां पर Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF का पीडीएफ आसानी से मिल जाएगा नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं|इस हिंदी पुस्तक का नाम पतंजलि योग सूत्र पीडीएफ|

पतंजलि योग सूत्र को योगी महान पुस्तकों में से एक है पतंजलि योग सूत्र ऐसे किताब है Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF जिसकी पतंजलि का भाषा के ऊपर बहुत अच्छा भाषा का प्रयोग किया गया है पतंजलि एक महान पुरुष थे|

यूपी शिक्षा सबसे पहले योगी ने अपने साथियों को प्रदान किया था धाराओं से सैकड़ों अलग-अलग शाखाएं बन गई एक समय ऐसा आया कि योग की लगभग साडे 3 हजार से अधिक शाखाओं का प्रचलन शुरू था|

आपको पतंजलि योग सूत्र से बहुत अच्छे-अच्छे जानकारी मिलेगी इसलिए उसके बहुत अधिक सावधानी बरतनी होगी पतंजलि की भाषा पर बहुत ही लाजवाब और इसका उदाहरण है जैसा कि वे ऐसा करते रहे यही हंसी मजाक स्वस्थ होता था लेकिन उस दिन पतंजलि ने एक ऐसी रचना कर लूंगा जिसमें सिंह और पैर नहीं होगा|

उनकी आयुर्वेद के ऊपर अच्छी पकड़ थी इसलिए उन्हें एक डॉक्टर भी कह सकते हैं उन्होंने मानव जीवन को अशुद्धियों के द्वारा रक्षा किया उन्होंने योग के माध्यम से मन और दोनों को मजबूत बनाया महर्षि पतंजलि के जन्म के विषय में अनेक कथाएं प्रचलित है|

महर्षि पतंजलि के बारे में About Patanjali Yogi

महर्षि पतंजलि ने योग के बारे में पूर्वक से लिखा इसके बाद योगसूत्र पर कई भारतीय ग्रंथ लिखे इनकी लाइफ स्टाइल से इस सूत्र का अंग्रेजी सहित विश्व के कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है पतंजलि ने योग को लेकर उनको चाहता प्रसिद्धि मिली योग वेदों के काल से भारतीय प्राचीन परंपरा से चला आ रहा है|

यहां पर सिंह का अर्थ और पैर का अर्थ योगी से था इस शब्दों के प्रयोग से महर्षि पतंजलि एक अद्भुत रचना की जानकारी प्राप्त होगी जानने की प्रक्रिया में उसका सौभाग्य होना जरूरी नहीं है इतने ही नहीं बल्कि यदि वह जानने की प्रक्रिया में सहभागी होता है तो सौभाग्य ताकि ज्ञान और बना देती है अल्लाह अल्लाह बने रचना को इसी तरह उससे जुड़ना चाहिए|

योग वेदों के काल से भारतीय प्राचीन परंपरा चली आ रही है कई किस्से कहानी हमने सुने हैं जिसमें अब के लोग योग की शक्ति से ही घंटों अपनी सांस रोक सकते थे या कई दिनों तक भूखे रह सकते थे फिर भी योग में महर्षि पतंजलि का एक अलग स्थान है अलग पहचान है|

Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF Details

Name of PDF Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF
CategoryAyurveda
PDF Size9.13 MB
LanguageHindi
QualityExcellent
Total pages250
PDF StatusAvailable
WebsitesVickeyStudy.in
Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF
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योग के नियम Rule of Patanjali Yoga

आपको सबसे पहले सोच यानी शरीर और मन की गंदगी को बाहर निकालना और संतोष इसके अलावा ईश्वर को पूर्ण समर्पण तीसरे स्थान पर आसन आते हैं योग के अलग-अलग आसन किए जाते हैं एक योगिक हाथ तकनीकों से सांस और प्राण पर नियंत्रण करना सिखाता है|

योग का प्रत्याहार है जिसमें महर्षि पतंजलि ने नियंत्रित करने का प्रशिक्षण देते हैं ध्यान की प्रक्रिया से पहले एक साधक को जीवन चर्या में त्याग चरण पार करने पड़ते हैं महर्षि ने इसे शब्दों से परे परम चैतन्य की अवस्था कहां है|

महर्षि पतंजलि इन्हें डॉ मुकेश कहते हैं महर्षि पतंजलि ने ही योग सूत्र की रचना की थी महर्षि पतंजलि दिल्ली यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्रोफेसर डॉ मुकेश अग्रवाल मेडिटेशन पर शोध कर चुके हैं|

इसके अलावा सूर्य नमस्कार के फिजियोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल भी उनका अध्ययन है वह योग और महर्षि पतंजलि के रिश्ते के बारे में बताते हैं|

पतंजलि योग सूत्र Patanjali Yoga Sutra

पतंजलि बुध पुस्तकों की दुनिया के है अद्भुत हैं वह सरलता से बोर ‘मैक्स, प्लांक की तरह नोबेल पुरस्कार विजेता हुए हैं| पतंजलि बुनियादी तौर पर एक वैज्ञानिक है जो नियमों की भाषा में ही सोचते भी चाहते हैं उन्होंने मनुष्य के जगह निरपेक्ष नियमों का निगमन करके सत्य और मानवीय विचारों को प्रतिपादित किए हैं|

यदि आप पतंजलि का वैसा करो जैसा वह कहते हैं और परिणाम निकलेगा ठीक 2 और 4 की तरह यह घटना उसी तरह से कटेगी जैसे पानी को 100 डिग्री तक गर्म करें तो वाष्प बनकर उड़ जाता है लेकिन पतंजलि इस पर रोक लगाते हैं हालांकि यह बहुत कठिन है ऐसा अवस्था में आज तक कोई भी परिणाम नहीं निकला है|

इस पृथ्वी पर पतंजलि जैसा दूसरा कोई नहीं हुआ शुद्ध वैज्ञानिक पतंजलि अत्यंत महावीर है| इसके 196 सूत्र हैं जिन्हें 4 अध्याय में बांटा गया है| अमानत पाता है कि महर्षि के इस पतंजलि योग सूत्र लिखने के पीछे का विचार मानव की देन को रोग मुक्त करना था|

योग का अर्थ Patanjali Yoga Mean

योग का अर्थ है मिलना, जुड़ना, संयुक्त होना आदि अपनी आत्मा के साथ संयुक्त होता है वही योग है यह आत्मा की उस का नीच और रूप है तथा यही उसका स्वभाव है इसलिए इसे अनुशासन कहा जाता है इसके मार्ग पर चलने से ही किसी प्रकार का भय नहीं है|

महर्षि पतंजलि का योग सूत्र योग का मूल पाठ है ब्रह्मांड के साथ एकता प्राप्त करने के लिए मन के प्रशिक्षण से संबंधित है| इससे उद्देश्य के सहयोग से सिद्धियों की प्राप्ति होती है योग वह विज्ञान है जो जीवन में नियंत्रण अनुशासन ध्यान अहिंसा संतुलन सिखाता है योग्यता मानवता की सभी समस्याओं का समाधान करता है यही योग है|

महर्षि पतंजलि ने अपने जीवन में बहुत कुछ त्यागी और लोगों को सिखाएं और वह अनेक प्रकार के औषधियां भी बनाए जिससे लोगों को काफी सहायता हुई महर्षि पतंजलि योग सूत्र से हमें बहुत कुछ जानने को मिला महर्षि पतंजलि व्यास भाष्य में इसी तथ्य को समझाते हुए कहा था कि जिस प्रकार कोटी के साधकों के लिए अलग-अलग साधनों का वर्णन किया गया है निम्न कोटि के साधकों के लिए यम नियम का अपने साधना पद्धति को प्रारंभ करने का निर्देश दिए थे|

ओके अनुसार या समझाया गया है कि इस्पात के अंतर्गत बताए गए अभ्यास उच्च कोटि के साधकों के लिए है जिनका पहले से ही हो चुका है इन्हें साधकों को ध्यान में रखते हुए यहां पर अभ्यास के चर्चा किया गया था| ईश्वर एक स्वरूप ही चर्चा भी इसी प्रकार से किया गया था|

पतंजलि के राजयोग भी कहा जाता है इस पर अनेक भाषा लिखित आ चुके हैं इस ग्रंथ का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इसमें हठयोग सहित योग के सभी अंगों तथा धर्म की समस्त नीति नियम रहस्य और ज्ञान की बातों को क्रमबद्ध में बताया गया है|

पतंजलि में ग्रंथ में किसी भी प्रकार से अतिरिक्त शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया और ना ही उन्होंने किसी एक ही वाक्य को अनावश्यक विस्तार दिया जो बात दो शब्द में ही कही जा सकती है इसमें चार नहीं कहा गया है यही उनके ग्रंथ की विशेषता है|

पतंजलि योग सूत्र के 4 पदों में पहला पाद है समाधि पाद प्रथम पाठ में मुख्य रूप से समाधि तथा उसके विभिन्न भेदों का वर्णन किया गया है इसमें साधकों के लिए समाधि के वर्णन के साथ साथियों के विभिन्न साधकों का भी समावेश किया गया है|

क्या हुआ हां महर्षि पतंजलि के योग सूत्र के आधार बनाकर लिखी गई है यह पुस्तक योग के वास्तविक अर्थ और उसके महत्व पर प्रकाश डाला गया है भारतीय दर्शन और उस पर आधारित जीवन पद्धति की दुनिया में धूम मची हुई है आज दुनिया की कई भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है इसके बावजूद प्रमाणिकता की समस्या बनी हुई है उम्मीद है कि लेखक इसी कमी को दूर करेगी|

Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF Download

Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF

Conclusion

यहां पर Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF को डाउनलोड करने के बारे में जाना| इस पीडीएफ Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF मैं आप सभी के लिए योग पतंजलि के राजयोग इन सभी भाषा में लिखे गए सभी ग्रंथों को हमने इस पीडीएफ में प्राप्त कर सकते हैं|

ऊपर गए डाउनलोड वाले बटन पर क्लिक करके आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं या पुस्तक बहुत ही महत्वपूर्ण है इसमें आप आने वाले अपने योगसूत्र के आधार पर सभी चीजों को समझ सकते हैं अपने शारीरिक गतिविधि को समझ सकते हैं|

Patanjali Yoga Sutra In Hindi PDF FAQ

1. पतंजलि योग सूत्र क्या है?

पतंजलि योग सूत्र एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है जो योग के सिद्धांतों और अभ्यास की मार्गदर्शना करता है। इसमें योग के अष्टांगिक मार्ग (आठ अंग) को समझाया गया है।

2. योग के अष्टांगिक मार्ग क्या हैं?

योग के अष्टांगिक मार्ग में आठ अंग (अष्ट = आठ, अंग = अंश) होते हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि। ये अंग योगी को मानसिक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

3. पतंजलि योग सूत्र में ‘यम’ और ‘नियम’ क्या हैं?

‘यम’ और ‘नियम’ योग के अष्टांगिक मार्ग के पहले दो अंग हैं। ‘यम’ में योगी को आदर्श आचरण की प्राथमिकता होती है, जैसे अहिंसा (अनिष्ट न करना), सत्य (सच बोलना), अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (ब्रह्मचर्य पालन करना) और अपरिग्रह (लालच नहीं करना)। ‘नियम’ में योगी को आत्म-निग्रह की शिक्षा दी जाती है, जैसे शौच (शुद्धि), संतोष (संतुष्टि), तप (तपस्या), स्वाध्याय (स्वयं का अध्ययन) और ईश्वरप्रणिधान (ईश्वर में आस्था)।

4. ‘आसन’ और ‘प्राणायाम’ क्या हैं?

‘आसन’ योग साधना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर की स्थिरता और सुख-संवेदना की प्राप्ति में मदद करता है। ‘प्राणायाम’ श्वास की नियंत्रण और प्राण शक्ति के सामंजस्य विकास के लिए विभिन्न अभ्यासों का संयम है।

5. पतंजलि योग सूत्र के लाभ क्या हैं?

पतंजलि योग सूत्र के पालन से व्यक्ति मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक विकास और अंतरात्मा की पहचान में मदद प्राप्त कर सकता है।

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